कालसर्प योग: संतान विलंब और विवाह बाधा का गहरा संबंध

क्यों होता है कालसर्प योग से विवाह और संतान में देरी?

कालसर्प योग जब कुंडली में सक्रिय होता है, तो यह विवाह और संतान प्राप्ति के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोधक बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु-केतु का यह विशेष संयोग जीवन के इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर कैसे प्रभाव डालता है:

1. विवाह विलंब के 3 प्रमुख कारण

  • लग्न में कालसर्प: विवाह योग बनते-बनते रुक जाते हैं
  • 7वें भाव में प्रभाव: वैवाहिक जीवन में असंतोष पैदा करता है
  • शुक्र पर दुष्प्रभाव: जीवनसाथी चुनने में गलत निर्णय

वास्तविक उदाहरण:
“35 साल की उम्र तक कोई रिश्ता नहीं बना। कालसर्प पूजा के 3 महीने बाद शादी तय हो गई।” – नेहा पाटिल, पुणे

2. संतान विलंब के कारण

  • 5वें भाव में कालसर्प: संतान सुख में बाधा
  • राहु का प्रभाव: गर्भधारण में कठिनाई
  • केतु का असर: गर्भपात की संभावना

चौंकाने वाला तथ्य:
कुंडली के 5वें भाव में कालसर्प योग वाले 70% जातकों को संतान प्राप्ति में 5+ साल लगते हैं।

कैसे पहचानें कालसर्प का प्रभाव?

  • विवाह योग्य उम्र पार करने के बाद भी शादी न होना
  • तय होते रिश्ते अचानक टूट जाना
  • 2 साल से अधिक समय तक गर्भधारण न हो पाना
  • बार-बार गर्भपात होना

5 प्रभावी उपाय जो तोड़ते हैं यह योग

1. विशेष पूजा विधि

  • नागपंचमी पर चांदी के नाग-नागिन की पूजा
  • अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं

2. रत्न धारण

  • गोमेद: राहु के प्रभाव को कम करे
  • मोती: चंद्रमा को मजबूत बनाए

3. मंत्र साधना

ॐ नमो भगवते वासुकी नागाय संतान सुख प्रदाय स्वाहा

(प्रतिदिन 11 बार जपें)

4. दान कर्म

  • दूध से भरे सफेद कपड़े का दान
  • कुंवारी कन्याओं को मीठा भोजन कराएं

5. तीर्थ यात्रा

  • नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (द्वारका) का दर्शन
  • मन्नारशाला नागराज मंदिर (केरल) में पूजा

विशेष सलाह:
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प योग है और आपको इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो शीघ्र ही किसी योग्य ज्योतिषी से संपर्क करें

क्या आप भी ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं?
कमेंट में अपना जन्म विवरण (तिथि, समय, स्थान) शेयर करें, हम आपकी कुंडली का विश्लेषण करेंगे! 🙏

Leave a Comment

Phone icon
Call 9981350512
WhatsApp icon
WhatsApp