महामृत्युंजय जाप पूजा उज्जैन
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महामृत्युंजय जाप पूजा क्या है?
शास्त्रों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली और दिव्य मंत्र माना जाता है। यह मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में वर्णित है और इसे “संजीवनी मंत्र” भी कहा जाता है, क्योंकि यह मृत्यु और जीवन की बाधाओं को दूर करने में सक्षम है।
🔹 यह मंत्र विशेष रूप से अकाल मृत्यु, रोग, ग्रह दोष, पितृ दोष, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है।
🔹 भगवान शिव के रुद्र स्वरूप की कृपा पाने के लिए यह सबसे प्रभावी मंत्र है।
🔹 जो व्यक्ति गंभीर रोगों, मानसिक तनाव या जीवन संकट से गुजर रहा होता है, उसके लिए महामृत्युंजय जाप जीवन रक्षक सिद्ध होता है।
📜 महामृत्युंजय मंत्र
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।”
🔹 इस मंत्र में भगवान शिव से मृत्यु के बंधन से मुक्ति और अमृततुल्य जीवन की प्रार्थना की जाती है।

महामृत्युंजय जाप पूजा का महत्व
यह पूजा भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एज प्रभावी उपाय है, इस पूजा का महत्व नीचे बताया गया है:
- अकाल मृत्यु से रक्षा :- यह पूजा मृत्यु के भय को समाप्त करती है और दीर्घायु प्रदान करती है।
- गंभीर बीमारियों में लाभदायक :- यह जाप असाध्य रोगों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव :- यह पूजा जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों और काले जादू के प्रभाव को समाप्त कर देती है।
- ग्रह दोष निवारण :- विशेष रूप से मंगल, राहु, केतु और शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में सहायक होती है।
- मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति :- इस पूजा से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
महामृत्युंजय जाप पूजा विधि
महामृत्युंजय जाप पूजा की विधि नीचे विस्तृत रूप से दी गई है:-
1️⃣ संकल्प एवं पूजन आरंभ:
🔸 सर्वप्रथम स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजन स्थान पर शिवलिंग, महामृत्युंजय यंत्र या भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प लें और पवित्रता का ध्यान रखें।
2️⃣ मंत्र जाप प्रारंभ करें:
🔸 योग्य पंडित द्वारा सवा लाख (125,000), 51,000, 21,000 या 11,000 महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। जाप कुशासन पर बैठकर और रुद्राक्ष की माला से किया जाता है। जाप के दौरान गाय के घी का दीपक जलाएं और बिल्व पत्र, धतूरा, भस्म भगवान शिव को अर्पित करें।
3️⃣ हवन (यज्ञ) विधि:
🔸 जाप के पूर्ण होने के बाद हवन किया जाता है। हवन सामग्री में गुग्गुल, गाय का घी, बेलपत्र, काले तिल, चंदन, चावल, और गंगा जल का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक आहुति के साथ “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
4️⃣ अंतिम चरण – आरती और प्रसाद:
🔸 हवन पूर्ण होने के बाद भगवान शिव की महाआरती की जाती है। ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देकर पूजा को पूर्ण किया जाता है।
महामृत्युंजय जाप के लाभ
महामृत्युंजय जाप के लाभ निम्नलिखित है :-
- मृत्यु भय से मुक्ति – यह पूजा व्यक्ति को अकाल मृत्यु, दुर्घटनाओं और जीवन के संकटों से बचाती है।
- स्वास्थ्य और आरोग्य लाभ – असाध्य रोगों में भी यह जाप अद्भुत चमत्कार दिखाता है
- ग्रह दोषों का निवारण – यह राहु, केतु, मंगल और शनि ग्रह के दोषों को शांत करता है।
- मन की शांति और आध्यात्मिक उन्नति – मानसिक तनाव और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
- नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से सुरक्षा – यह मंत्र दुष्ट आत्माओं और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजा कैसे कराएं?
यदि आप उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर महामृत्युंजय जाप करवाना चाहते हैं, तो उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें। उज्जैन में यह पूजा विशेष रूप से मंदिरों और किसी विशेष स्थान पर करवाई जाती है। पूजा बुकिंग और पूजा संबन्धित अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें