नारायण बली पूजा उज्जैन
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नारायण बली पूजा क्या है?
भारतीय शास्त्रों में नारायण बली पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जो पितृ दोष, अकाल मृत्यु और पारिवारिक कष्टों के निवारण के लिए किया जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से उन आत्माओं की शांति के लिए की जाती है, जो असमय मृत्यु के कारण मोक्ष प्राप्त नहीं कर पातीं और प्रेत योनि में भटकती रहती हैं। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी दुर्घटना, आत्महत्या, सर्पदंश या अन्य अप्राकृतिक कारणों से हुई हो और उसकी आत्मा भटक रही हो, तो इस पूजा के माध्यम से उसे मोक्ष प्रदान किया जाता है। गरुड़ पुराण में इस पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि यह अनुष्ठान मृत आत्मा को शांति देने और परिवार पर पड़े दोषों को दूर करने में सहायक होता है। इस पूजा में भगवान नारायण (विष्णु) की आराधना की जाती है, और कृत्रिम शरीर (आटे से बना पिंड) के माध्यम से तर्पण व पिंडदान किया जाता है। नारायण बली पूजा के द्वारा पितरों को तृप्त कर परिवार में सुख-समृद्धि लाई जाती है, साथ ही संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं। जो लोग बार-बार किसी न किसी संकट, धन हानि, स्वास्थ्य समस्याओं या मानसिक अशांति से जूझ रहे होते हैं, उनके लिए यह पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। पूजा विधि के अंत में ब्राह्मणों और जरुरतमंदों को दान देना आवश्यक होता है, जिससे पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। यह पूजा मुख्य रूप से त्र्यंबकेश्वर (नासिक), उज्जैन, गया और रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थलों पर सम्पन्न करायी जाती है।
नारायण बली पूजा क्यों की जाती है?
इस पूजा का उल्लेख गरुड़ पुराण में दिया गया है और इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है :-
- जिनकी अकाल मृत्यु (दुर्घटना, आत्महत्या, हत्या, डूबने, सर्पदंश आदि) हुई हो।
- जिनकी अंतिम क्रियाएं पूर्ण रूप से नहीं हो पाई हों।
- जिनके परिवार में बार-बार आर्थिक, स्वास्थ्य और संतान संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं।
- जिन्हें पितृ दोष या पूर्वजों का अशुभ प्रभाव परेशान कर रहा हो।
नारायण बली पूजा की विधि
नारायण बली पूजा निम्न चरणों मे सम्पन्न करायी जाती है :-
🔸 यह पूजा मुख्य रूप से त्र्यंबकेश्वर (नासिक), उज्जैन और गया जैसे तीर्थ स्थलों पर की जाती है।
🔸 इस पूजा में विशेष रूप से नारायण (भगवान विष्णु) की पूजा कर पिंडदान और तर्पण किया जाता है।
🔸 पूजा में एक कृत्रिम शरीर (आटे से बनाया गया) तैयार किया जाता है, जिसे मृत व्यक्ति का प्रतीक मानकर उसकी आत्मा को शांति देने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
🔸 इसके बाद, ब्राह्मणों और जरुरतमंदों को दान-दक्षिणा देकर पूजा संपन्न की जाती है।
नारायण बली पूजा के लाभ
इस पूजा को कराने से निम्नलिखित लाभ मिलते है:-
- इस पूजा द्वारा पितृ दोष और अकाल मृत्यु दोष का निवारण होता है।
- परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- संतान प्राप्ति और वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
- मृत आत्माओं को मोक्ष प्राप्त होता है।
- दुर्घटनाओं और बार-बार आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
नारायण बली पूजा कहाँ कराई जाती है?
नारायण बली पूजा विशेष रूप से त्रयम्ब्केश्वर, उज्जैन, काशी जैसे तीर्थ स्थल पर करायी जाना चाहिए। उज्जैन में नारायण बली पूजा करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है, उज्जैन में पूजा-अनुष्ठान के लिए श्रेष्ठ एवं अनुभवी पंडित है जो की अनेक प्रकार की दोष निवारण पूजा सम्पन्न कराते है।
उज्जैन में नारायण बली पूजा कैसे कराएं?
नारायण बली पूजा को विधिवत रूप से संपन्न करने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें, जो वेदों और शास्त्रों के अनुसार अनुष्ठान करने में आपकी सहायता करेंगे। पंडित जी को पूजा-अनुष्ठान का 20 वर्षो से अधिक अनुभव प्राप्त है। अभी अपनी पूजा उज्जैन में बुक करने के लिए निचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा बीके करें।