मंगल दोष पूजा उज्जैन

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मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष, जिसे मांगलिक दोष या कुंडली दोष भी कहा जाता है, तब बनता है जब कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है। यह दोष व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल लग्न, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तो उसे मांगलिक व्यक्ति कहा जाता है। ऐसी स्थिति में विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच तनाव, आर्थिक समस्याएं, और वैवाहिक जीवन में कष्ट आ सकते हैं।

मंगल दोष के प्रभाव

मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन मे इस प्रकार देखने को मिलते है :- 

वैवाहिक जीवन में समस्याएं : वैवाहिक जीवन में संघर्ष, देरी, तलाक या किसी एक साथी की अकाल मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
आक्रामक स्वभाव : मंगल दोष वाले व्यक्ति का स्वभाव अत्यधिक गुस्सैल और जिद्दी हो सकता है।
आर्थिक अस्थिरता : अचानक धन हानि, कर्ज में वृद्धि और व्यापार में रुकावटें आ सकती हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं : सिरदर्द, रक्तचाप, चोट, दुर्घटना और शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ सकता है।
नौकरी और करियर में संघर्ष : मंगल दोष होने पर करियर में बाधाएं आती हैं और व्यक्ति को अत्यधिक संघर्ष करना पड़ता है।

मंगल दोष के उपाय

मंगल दोष निवारण के लिए शास्त्रों में निम्न उपाय दिये गए है:-

  • यदि दोनों पति-पत्नी मांगलिक होते हैं, तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है। इसलिए, मांगलिक व्यक्ति को मांगलिक से विवाह करने की सलाह दी जाती है।
  • मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं, मंगलवार का व्रत रखें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें। मंगल यंत्र की स्थापना करें और उसका नियमित रूप से पूजन करें। 
  • भगवान शिव की रुद्राभिषेक पूजा और महामृत्युंजय जाप करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।

  •  मंगल ग्रह के प्रभाव को शांत करने के लिए मूंगा (Coral) रत्न धारण करना लाभकारी होता है।
  • “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”,  इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से मंगल दोष में राहत मिलती है।

मंगल दोष निवारण पूजा

वेदिक ज्योतिष में मंगल दोष निवारण पूजा एक विशेष ज्योतिषीय अनुष्ठान है, जिसे उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष (मांगलिक दोष) होता है। यह पूजा मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने और वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए की जाती है।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो, तो उसे मांगलिक दोष माना जाता है। इस दोष के कारण विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन में कलह, दुर्घटनाएं, आर्थिक अस्थिरता, और मानसिक तनाव हो सकता है। मंगल दोष निवारण पूजा के माध्यम से इन सभी समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।

मंगल दोष पूजा विधि

मंगल दोष निवारण पूजा अनुभवी पंडित द्वारा सही विधि से करनी चाहिए ताकि यह पूजा अधिक प्रभावी हो। इस पूजा में मुख्यतः निम्नलिखित अनुष्ठान शामिल होते हैं—

  • यदि मांगलिक व्यक्ति को गैर-मांगलिक से विवाह करना हो, तो पहले कुंभ विवाह या पीपल विवाह कराया जाता है।
  • मंगल दोष शांति के लिए भगवान शिव और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।
  • मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप किया जाता है:
    “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
  • मंगल दोष निवारण हवन किया जाता है, जिसमें विशेष जड़ी-बूटियां और घी अर्पित किया जाता है।
  • इस दौरान मंगल ग्रह के वैदिक मंत्रों का जाप किया जाता है।
  • पूजा के अंत में मंगल यंत्र को स्थापित किया जाता है और उसकी नियमित पूजा की जाती है।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा कैसे कराएं?

उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर और मंगलनाथ मंदिर, मंगल दोष निवारण पूजा के लिए सबसे शुभ स्थान माने जाते हैं। आप उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करके मंगल दोष पूजा बुक कर सकते है, उज्जैन के अनुभवी पंडित योगेश शर्मा जी को दोष निवारण पूजाओं का 20 वर्षों से अधिक अनुभव प्राप्त है। 

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