Kaal Sarp Dosh Puja Booking in Ujjain
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कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष को कालसर्प योग भी कहा जाता हैं। पंडित योगेश शर्मा जी के अनुसार, कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण राहु एवं केतु की स्थिति पर निर्भर करता हैं। व्यक्ति के जन्माग़ चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने–सामने होती हैं। यदि बाकी सात गृह राहु और केतु के एक तरफ हो जाए और दूसरी ओर कोई ग्रह नहीं रहे तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है।कालसर्प दोष बहुत ही हानिकारक योग माना जाता हैं क्योंकि जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है उसे बहुत संघर्ष करना पड़ता हैं। कुंडली में कालसर्प दोष होने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से प्रभावित होता हैं।
कालसर्प दोष के 12 प्रकार
कालसर्प दोष 12 अलग-अलग प्रकार का होता है, जिनमें से प्रत्येक का प्रभाव अलग-अलग होता है। इनके नाम और प्रभाव इस प्रकार हैं:
1. अनंत कालसर्प दोष
स्थिति: राहु प्रथम भाव में, केतु सप्तम भाव में
प्रभाव: जीवन में निरंतर संघर्ष, विवाह में कठिनाइयाँ
2. कुलिक कालसर्प दोष
स्थिति: राहु द्वितीय भाव में, केतु अष्टम भाव में
प्रभाव: धन हानि, वाणी दोष, पारिवारिक कलह
3. वासुकि कालसर्प दोष
स्थिति: राहु तृतीय भाव में, केतु नवम भाव में
प्रभाव: भाई-बहनों से तनाव, भाग्य में उतार-चढ़ाव
4. शंखपाल कालसर्प दोष
स्थिति: राहु चतुर्थ भाव में, केतु दशम भाव में
प्रभाव: माता-पिता से समस्याएं, करियर में रुकावटें
5. पद्म कालसर्प दोष
स्थिति: राहु पंचम भाव में, केतु एकादश भाव में
प्रभाव: संतान संबंधी परेशानियाँ, निवेश में नुकसान
6. महापद्म कालसर्प दोष
स्थिति: राहु छठे भाव में, केतु द्वादश भाव में
प्रभाव: शत्रु बाधा, स्वास्थ्य समस्याएं, अकारण खर्च
7. तक्षक कालसर्प दोष
स्थिति: राहु सप्तम भाव में, केतु प्रथम भाव में
प्रभाव: वैवाहिक जीवन में क्लेश, साझेदारी में धोखा
8. कर्कोटक कालसर्प दोष
स्थिति: राहु अष्टम भाव में, केतु द्वितीय भाव में
प्रभाव: आकस्मिक दुर्घटनाएं, आयु पर संकट
9. शंखनाद कालसर्प दोष
स्थिति: राहु नवम भाव में, केतु तृतीय भाव में
प्रभाव: भाग्य में अड़चन, लंबी यात्राओं में विफलता
10. घातक कालसर्प दोष
स्थिति: राहु दशम भाव में, केतु चतुर्थ भाव में
प्रभाव: पेशेवर जीवन में अस्थिरता, समाज में अपमान
11. विषाक्त कालसर्प दोष
स्थिति: राहु एकादश भाव में, केतु पंचम भाव में
प्रभाव: आय के स्रोतों में अनिश्चितता, प्रेम संबंधों में धोखा
12. शेषनाग कालसर्प दोष
स्थिति: राहु द्वादश भाव में, केतु छठे भाव में
प्रभाव: विदेश यात्रा में बाधाएं, गुप्त शत्रु भय












कालसर्प योग के लक्षण
जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता हैं तो उसे सोते समय समय लगता है कि कोई सांप उसके पैरों पर चढ़ रहा है या काटने की कोशिश कर रहा है। और उसे रात में अजीब अजीब सपने आते है व बार बार नींद खुल जाती हैं । जातक को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशानियां होती है एवं सिर दर्द और त्वचा रोग जैसी समस्याएं होती हैं। व्यक्ति को सही निर्णय लेने में दिक्कत होती हैं साथ ही शिक्षा में भी बाधा आती हैं। जातक को पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता , स्वास्थ्य खराब रहता हैं। बार बार चोट दुर्घटना होती हैं।
सभी राशि के जातकों की कुंडली में समय-समय पर ग्रहों की स्तिथि बदलती रहती है। जिससे कई प्रकार के योग का निर्माण होता है, जिसमें कुछ शुभ होते हैं और कुछ अशुभ माने जाते हैं। ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण कुंडली में दोष का भी निर्माण होता है, जिसका प्रभाव जातक के जीवन पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। कुंडली में कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक रूप से हमेशा परेशान रहता है, कुछ लोगों को इस दोष की वजह से संतान संबंधी कष्ट भी उठाने पड़ते हैं. कुछ लोग या तो संतानहीन रह जाते हैं या फिर उनका संतान हमेशा रोगी रहता है. कालसर्प दोष होने पर नौकरी भी बार-बार छूटती रहती है और कई बार कर्ज भी लेना पड़ जाता है।
कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें?
कालसर्प दोष के चलते व्यक्ति अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं इसलिए इसका समाधान जल्दी जल्दी कर लेना चाहिए। पंडित विजय जोशी के अनुसार कालसर्प दोष के निम्न उपाय या निवारण हैं –
1. पूजा-पाठ एवं मंत्र जाप
महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें।
कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाएं।
2. दान एवं सेवा कार्य
शनिवार को काले तिल, उड़द की दाल या लोहे की वस्तु दान करें।
कुत्तों को भोजन कराएं (राहु का प्रतीक)।
3. रत्न धारण (ज्योतिष परामर्श से)
गोमेद (राहु के लिए) और लेहसुनिया (केतु के लिए) पहनें।
4. तीर्थ यात्रा
उज्जैन (महाकालेश्वर) या फिर त्र्यंबकेश्वर (नासिक) में पूजा करें।
5. जीवनशैली में सुधार
शराब और मांसाहार से परहेज करें (विशेषकर मंगलवार व शनिवार को)।
योग व ध्यान से मानसिक शांति प्राप्त करें।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा मे कितना खर्च आता है?
उज्जैन महाकालेश्वर में कालसर्प दोष पूजा की लागत इसमें शामिल पंडितों की संख्या पर निर्भर करती है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा तीन प्रकार से की जाती है। कालसर्प पूजा करने के तरीके नीचे दिए गए हैं।
- कालसर्प पूजा की पहली विधि में केवल 1 पंडित शामिल होता था। इसका मतलब है कि पूरी पूजा केवल एक ही पंडित द्वारा पूरी की जाएगी। इस पूजा की लागत रु. 2100 दूसरे प्रकार की कालसर्प पूजा में कुल 2 पंडित ही शामिल थे।
- 1 पंडित पूजा के लिए और शेष 1 पंडित राहु केतु मंत्र के लिए। इस पूजा की लागत रु. 3100 तीसरे तरीके की कालसर्प पूजा में कुल 4 पंडित ही शामिल थे।
- 1 पंडित पूजा के लिए और बाकी 3 पंडित राहु केतु मंत्र के लिए। 5100 रुपये
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का महत्व
- आध्यात्मिक महत्व – उज्जैन भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। यह अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करने से इसकी शक्ति बढ़ जाती है। यह अनुष्ठान के आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है।
- उज्जैन में विशेषज्ञ पुजारी – वे कालसर्प दोष पूजा में विशेषज्ञ हैं। ये पुजारी अनुष्ठान को अच्छी तरह से जानते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे सही तरीके से किया जाए।
- पवित्र परिवेश – उज्जैन पवित्र नदी शिप्रा के तट पर स्थित है। इसमें कई प्रतिष्ठित मंदिर हैं। शहर का दिव्य वातावरण पूजा की सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है। यह आध्यात्मिक विकास और उपचार के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
- उज्जैन ऐतिहासिक का महत्व – प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख है और इसे भगवान शिव से जोड़ा गया है। ऐसे ऐतिहासिक स्थान पर कालसर्प दोष पूजा इसकी पवित्रता को बढ़ाती है। इससे दैवीय शक्तियों से भी जुड़ाव गहरा होता है।
- दोष का उपाय – कालसर्प दोष एक बुरी ज्योतिषीय स्थिति है। यह जीवन में विभिन्न चुनौतियों और बाधाओं का कारण बन सकता है। ऐसा माना जाता है कि उज्जैन में पूजा करने से ग्रह प्रसन्न होते हैं। यह उनका पक्ष चाहता है और दोष के हानिकारक प्रभावों को कम करता है।
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा बुक कराये
उज्जैन मे पंडित योगेश शर्मा द्वारा कम खर्च मे विधिवत कालसर्प पूजा कराई जाती है क्योकि पंडित जी को वर्षो का अनुभव है इसलिए उनके पास वर्ष भर लोग दोष कालसर्प दोष, मंगल दोष निवारण पूजा के लिए आते रहते है। पंडित जी से कालसर्प दोष के बारे मे निशुल्क परामर्श लेने या पूजा बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करे।
कालसर्प दोष के बारे मे पूछे जाने वाले प्रश्न
उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा मुख्यतः क्षिप्रा नदि के घाट के पास स्थित सिद्ध आश्रम व नदी के पास स्थित अन्य मंदिरो पर भी कराई जाती है।
कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में 2100 रुपेय से शुरू होती है। पूजा खर्च जातक और पंडित जी की दक्षिणा पर भी निर्भर कर सकती है।
कालसर्प दोष पूजा मे लगभग 3 से 4 घंटे लग सकते है।
कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में 42 सालो तक रहता है।