कालसर्प योग शांति पूजा की शुभ तिथि क्या है जाने विशेष महत्व?

कालसर्प योग, ज्योतिष शास्त्र की एक जटिल और गंभीर स्थिति है। यह दोष व्यक्ति को राजा से रंक बनाने की क्षमता रखता है, जिससे जीवन में आर्थिक तंगी, वैवाहिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएँ, और करियर में बाधाएँ आती हैं। लेकिन, कालसर्प योग शांति पूजा इस दोष को शांत करने का सबसे प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से, पूजा की तिथियाँ जैसे सोमवार, अमावस्या, चतुर्दशी, आश्लेषा नक्षत्र, त्रयोदशी, और पंचमी इसकी शांति के लिए सबसे शुभ मानी जाती हैं।

कालसर्प दोष के नाकारात्मक प्रभाव को शांत करने के लिए उज्जैन में कालसर्प योग शांति पूजा अत्यंत आवश्यक मानी जाती है, और यह पूजा जब सही तिथि और योग में की जाए, तब इसका फल बहुत शीघ्र प्राप्त होता है। उज्जैन के योग्य पंडित योगेश शर्मा जी यह पूजा विधिवत रूप से सम्पन्न करते है। पंडित जी उज्जैन में यह पूजा कई वर्षो से कराते आ रहे है, दूर-दूर से लोग यह पूजा कराने उज्जैन आते है और अपनी समस्याओ का समाधान पाते है।

कालसर्प योग का निर्माण और जीवन पर इसका प्रभाव क्या है?

कालसर्प योग दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। राहु-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं, जो कर्मफल और मोक्ष के कारक हैं। इस दोष के 12 प्रकार हैं, जैसे अनंत, कुलिक, वासुकी, और पद्म कालसर्प योग, प्रत्येक का प्रभाव अलग-अलग होता है।

कालसर्प दोष के नाकारात्मक प्रभाव

  • आर्थिक हानि: मेहनत का फल न मिलना, कर्ज, और व्यवसाय में असफलता मिलना।
  • वैवाहिक बाधाएँ: विवाह में देरी, दांपत्य कलह, या संतान प्राप्ति में कठिनाई होती है।
  • स्वास्थ्य समस्याएँ: मानसिक तनाव, सिरदर्द, त्वचा रोग, और सांपों के सपने आदि समस्याएँ बनी रहती है।
  • करियर और शिक्षा में रुकावट: प्रमोशन में देरी, उच्च शिक्षा में बाधा।
  • परिवारिक अशांति: पूर्वजों से संबंधित पितृ दोष का प्रबल होना।

क्यों जरूरी है शुभ तिथि पर कालसर्प योग शांति पूजा?

शुभ तिथि पर कालसर्प शांति पूजा करने से ये प्रभाव शीघ्र ही कम होते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार सोमवार, अमावस्या, चतुर्दशी, आश्लेषा नक्षत्र, त्रयोदशी, और पंचमी जैसी तिथियाँ राहु-केतु की ऊर्जा को संतुलित करती हैं, जिससे पूजा का फल जल्दी मिलता है। उज्जैन जैसे तीर्थ स्थान पर इन तिथियों पर की गई पूजा विशेष रूप से फलदायी हैं।

कालसर्प शांति पूजा के लिए सोमवार का विशेष महत्व क्या है?

सोमवार भगवान शिव का दिन है, और कालसर्प दोष राहु-केतु से जुड़ा होने के कारण शिव पूजा से इसका निवारण संभव है। सोमवार को कालसर्प शांति पूजा करने से शिव की कृपा से दोष की जड़ें हिल जाती हैं।

सोमवार पूजा का महत्व

  • सोमवार चंद्रमा का दिन है, जो केतु (चंद्र का छाया) को शांत करता है। राहु-केतु के बीच फंसे ग्रहों को मुक्ति मिलती है।
  • धार्मिक महत्व: शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के साथ पूजा करने से कालसर्प सर्प दोष शांत हो जाता है। यह उपाय किसी अनुभवी पंडित से प्रभावी स्थान पर करना फलदायी माना जाता है।
  • शीघ्र फल प्राप्ति: सोमवार को पूजा करने वाले भक्तों को 7-21 दिनों में सकारात्मक बदलाव का अनुभव होता है, जैसे आर्थिक लाभ या विवाह प्रस्ताव।
  • मुहूर्त: सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे तक। सोमवार को शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र अर्पित करें। मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” (108 बार)।

अमावस्या पर कालसर्प शांति पूजा: राहु-केतु की ऊर्जा को संतुलित करने का सर्वोत्तम समय

जब सूर्य और चंद्रमा एक राशि में होते हैं, तो अमावस्या राहु-केतु की छाया को प्रबल बनाती है। लेकिन यही समय कालसर्प दोष निवारण के लिए आदर्श है, क्योंकि पूजा से छाया ऊर्जा शांत हो जाती है। अमावस्या राहु-केतु के प्रभाव को प्रबल करती है, लेकिन पूजा से इनका संतुलन होता है। आश्विन अमावस्या पितृ पक्ष के अंत में विशेष शुभ है। अमावस्या पर तर्पण और पूजा से पितृ दोष भी शांत होता है, जो कालसर्प से जुड़ा होता है। अमावस्या पर पूजा करने से 15-30 दिनों में बाधाएँ दूर होती हैं, जैसे नौकरी या विवाह में सफलता मिलना आदि।

  • मुहूर्त: रात्रि काल (निशीथ काल: रात 12:00-1:00 बजे)। पूजा के विषय और मुहूर्त के बारे मे सटीक जानकारी के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें। अमावस्या पर नाग पूजा और कालसर्प यंत्र पर तिल-जल अर्पित करें। मंत्र: ॐ राहवे नमः (108 बार)।

चतुर्दशी तिथि पर कालसर्प पूजा: महाशिवरात्रि का संयोग और तत्काल ऊर्जा शांति

चतुर्दशी, शिवरात्रि का दिन, कालसर्प पूजा के लिए विशेष है क्योंकि भगवान शिव राहु-केतु के स्वामी हैं। चतुर्दशी पर पूजा से सर्प की तरह कुंडलित दोष खुल जाता है। चतुर्दशी चंद्रमा की कलाओं का अंतिम चरण है, जो केतु (चंद्र छाया) को शांत करता है। सोमवार चतुर्दशी (सोमवती अमावस्या) और शनिवार चतुर्दशी (शनैश्चरी अमावस्या) विशेष शुभ हैं। शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक के साथ कालसर्प पूजा करने से शिव की कृपा से तत्काल फल मिलता है।

  • सोमवती अमावस्या: 17 अगस्त (सोमवार)।
  • मुहूर्त: पूजा के समय और मुहूर्त के बारें मे पंडित जी से सही जानकारी प्राप्त करें। चतुर्दशी पर शिवलिंग पर दूध और बिल्व पत्र अर्पित करें। मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” (108 बार)।

आश्लेषा नक्षत्र में कालसर्प शांति पूजा: नाग ऊर्जा का संतुलन और तत्काल लाभ

आश्लेषा नक्षत्र, जो नागों का प्रतीक है, कालसर्प पूजा के लिए आदर्श है क्योंकि यह राहु-केतु की सर्प ऊर्जा को शांत करता है। आश्लेषा नाग नक्षत्र है, जो सर्प दोष को जन्म देता है। इस नक्षत्र में पूजा से राहु-केतु का कुंडलन खुल जाता है। और दोष निवारण में लाभ मिलता है। नाग पंचमी आश्लेषा नक्षत्र में पड़ती है, जो कालसर्प निवारण के लिए सर्वोत्तम है। इस पूजा के लाभ है: 3-7 दिनों में सपनों में सर्प न दिखना और आर्थिक लाभ।

  • मुहूर्त: सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक। पूजा का समय पंडित जी द्वारा निश्चित किया जाता है तो नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा की सही जानकारी प्राप्त करें। आश्लेषा में नाग पूजा और चांदी के नाग-नागिन का विसर्जन करना शुभ माना जाता है। मंत्र: ॐ नागकुलाय विद्महे (108 बार)।

त्रयोदशी तिथि पर कालसर्प पूजा: धनत्रयोदशी का संयोग और तत्काल समृद्धि

त्रयोदशी, धन के दिन, कालसर्प पूजा के लिए शुभ है क्योंकि यह आर्थिक बाधाओं को दूर करती है। त्रयोदशी गुरु और शुक्र की ऊर्जा को सक्रिय करती है, जो राहु-केतु के दोष को संतुलित करता है। धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) त्रयोदशी है, जो कालसर्प से जुड़े आर्थिक कष्टों को दूर करती है। इस दिन पूजा कराने से 15-30 दिनों में धन प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति मिलती है।

  • धनतेरस: 18 अक्टूबर (शनिवार)। मुहूर्त: शाम 7:15 बजे से 8:19 बजे तक।
  • उपाय: त्रयोदशी पर सोना खरीदें और कालसर्प यंत्र पर तिल अर्पित करें। मंत्र: ॐ क्लीं कालसर्प नाशकाय नमः (108 बार)।

पंचमी तिथि पर कालसर्प शांति पूजा: नाग पंचमी का विशेष महत्व और तत्काल ऊर्जा संतुलन

पंचमी, नाग पूजा का दिन, कालसर्प के सर्प रूप को शांत करने के लिए आदर्श है। पंचमी नाग ऊर्जा को संतुलित करती है, जो राहु-केतु का प्रतीक है। आश्लेषा पंचमी (नाग पंचमी) में पूजा तत्काल फल देती है। नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा से कालसर्प दोष का प्रभाव नष्ट होता है। 7-21 दिनों में सपनों में सर्प न दिखना और स्वास्थ्य संबंधी लाभ देखने को मिलते है।

  • मुहूर्त: सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक। पूजा का मुहूर्त पूजा-पंडित पर निर्भर करता है। आज ही अपनी पूजा की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।
  • उपाय: पंचमी पर चांदी के नाग-नागिन का विसर्जन करें और मंत्र: जाप करें- ॐ नागाय नमः (108 बार)।

कालसर्प शांति पूजा की विधि क्या है? कैसे होती है कालसर्प पूजा

कालसर्प शांति पूजा उज्जैन जैसे तीर्थ स्थान पर अनुभवी पंडितों द्वारा सम्पन्न करायी जाती है। इसकी सरल विधि इस प्रकार है:

  1. संकल्प: शुभ तिथि पर नाम-गोत्र से संकल्प।
  2. नाग पूजा: नाग देवता को दूध और तिल अर्पित।
  3. राहु-केतु शांति: ॐ राहवे नमः और ॐ केतवे नमः मंत्र जाप (108 बार)।
  4. हवन: तिल और घी से हवन।
  5. विसर्जन: चांदी के नाग-नागिन का नदी में विसर्जन।
  6. मुहूर्त: ऊपर बताई तिथियों पर।

क्यों जुड़ी हैं ये तिथियाँ राहु-केतु और चंद्रमा से?

  • राहु और केतु चंद्रमा की छाया ग्रह हैं।
  • अमावस्या और चतुर्दशी जैसे चंद्र दिवसों में इनकी शक्ति सबसे प्रबल होती है।
  • जब पूजा इन दिनों में की जाती है, तो चंद्र-राहु-केतु संतुलन बनता है और दोष शीघ्र शांत होता है।
  • अश्लेषा और पंचमी जैसी तिथियाँ सर्प योग से सीधे जुड़ी होती हैं, इसलिए इन पर पूजा करने से परिणाम तुरंत मिलते हैं।

कालसर्प दोष शांति पूजा उज्जैन में क्यों सबसे प्रभावशाली मानी जाती है?

  • उज्जैन में स्थित कालभैरव और नागचंद्रेश्वर मंदिर सर्प और ग्रह शांति के अद्वितीय स्थल हैं।
  • यहाँ की पूजा महाकाल क्षेत्र में की जाती है, जो त्रिग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल) का केंद्र है।
  • अनुभवी पंडितगण विशेष राहु-केतु मंत्र और कालसर्प शांति अनुष्ठान करते हैं। इसलिए उज्जैन में इन तिथियों पर की गई पूजा अन्य स्थानों की तुलना में अत्यधिक परिणामदायक होती है।

उज्जैन में कालसर्प योग शांति पूजा की बुकिंग कैसे करें?

कालसर्प दोष कोई साधारण योग नहीं है यह व्यक्ति के भाग्य और कर्म दोनों को प्रभावित करता है। लेकिन जब यह पूजा सही तिथि, नक्षत्र और उत्तम स्थान पर की जाती है, तो इसका परिणाम तुरंत दिखाई देता है। यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं, तो सही मुहूर्त में उज्जैन में विधिवत कालसर्प शांति पूजा बुकिंग के लिए नीचे दिये नंबर पर संपर्क करें।

Leave a Comment

Phone icon
Call 9981350512
WhatsApp icon
WhatsApp