कालसर्प योग का अशुभ प्रभाव: राहु की महादशा के उपाय

राहु, जो कि एक छाया ग्रह है, वैदिक ज्योतिष में बहुत ही प्रभावशाली माना गया है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की महादशा प्रारंभ होती है, तो जीवन में रहस्यमयी, भ्रमित करने वाली और संघर्षपूर्ण समस्याएँ पैदा हो सकती है। राहु की महादशा जीवन में अंधकार तो लाती है, लेकिन यह भी एक आध्यात्मिक जागरण का समय होता है। यदि आप सही मार्ग पर चलते हैं, सही उपाय अपनाते हैं, तो यही राहु आपको सफलता के शिखर तक पहुंचा सकता है।

राहु की महादशा क्या है? कैसे प्रभावित करती है जीवन?

राहु एक छाया ग्रह है जो सूर्य और चंद्रमा के बीच ग्रहण की स्थिति बनाता है। महादशा का अर्थ है—राहु की महादशा एक ऐसी कालावधि होती है जब राहु ग्रह 18 वर्षों तक व्यक्ति के जीवन पर अपना प्रभाव डालता है। यह प्रभाव कुंडली के भाव, राशि और राहु की स्थिति पर निर्भर करता है।

राहू की महादशा से उत्पन्न समस्याएं:

  • मानसिक तनाव और भ्रम
  • आकस्मिक घटनाएं व हादसे
  • कोर्ट-कचहरी, मुकदमेबाजी
  • धोखा, वशीकरण, नशा या तंत्र बाधा
  • करियर और रिश्तों में अस्थिरता

अवधि : राहु की महादशा की कुल अवधि 18 वर्ष होती है।

राहु की महादशा के प्रभाव को दूर करने के सरल और प्रभावशाली उपाय

1. भगवान शिव की आराधना करें – हर रोज शिवलिंग पर जल अर्पित करें

राहु को नियंत्रित करने में भगवान शिव की उपासना सबसे श्रेष्ठ मानी गई है।

मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।

2. राहु बीज मंत्र का जाप करें

राहु के दोष को कम करने हेतु निम्न बीज मंत्र अत्यंत प्रभावी है:

मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” – 108 बार प्रतिदिन जाप करें।

3. शनिदेव की आराधना करें

राहु और शनि की समान प्रकृति के कारण शनि देव की कृपा राहु के प्रभाव को कम कर सकती है। शनिवार को व्रत रखें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

4. नाग देवता की पूजा करें

राहु नागों के अधिपति हैं। नाग पंचमी जैसे अवसरों पर नाग पूजन से राहु शांति मिलती है।

5. ध्यान और प्राणायाम अपनाएं

राहु मानसिक उलझनों और भ्रम का कारक है। नियमित ध्यान और प्राणायाम मानसिक स्थिरता प्रदान करते हैं।

राहु की महादशा शांति के लिए विशेष पूजा विधियां

कालसर्प दोष पूजा – यदि राहु के साथ कालसर्प योग भी हो

उज्जैन में कालसर्प दोष शांति पूजा कराना अत्यंत लाभकारी होता है।

राहु ग्रह शांति पूजा

कुंडली के अनुसार, योग्य पंडित से विधिवत पूजा कराना राहु के दुष्प्रभाव को स्थाई रूप से कम करता है।

रत्न और धातु आधारित उपाय
गोमेद रत्न

● धारण करने का श्रेष्ठ दिन शनिवार या बधुवार।
● धारण करनेसेपहलेअशुध राहुक पष्टिुष्टि कर।
● चांदी या पचंधातु में बनवाकर मध्यमा उंगली में पहने।
धातुउपाय:
● लोहे की अंगूठी में गोमेद धारण करे।
● शनिवार को लोहे का छला दान करे।

राहु की शांति के लिए दान करें?

  • काले तिल और उड़द दाल
  • नीले कपड़े
  • काला कंबल
  • नारियल या लोहे की वस्तुएं

शनिवार को गरीबों को दान करने से विशेष लाभ होता है।

राहु की महादशा में सकारात्मक जीवन जीने की दिशा

राहु की महादशा कठिन हो सकती है, लेकिन यह समय आत्मचिंतन और आध्यात्मिक विकास का भी होता है। जो व्यक्ति इस काल में संयम, साधना और शुद्ध कर्म अपनाता है, वह बड़े बदलावों का साक्षी बन सकता है। विशेषकर उज्जैन जसै आध्यात्मिक तीर्थ में विशषे पजून कर इस दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

राहु दोष शांति पूजा बुकिंग उज्जैन– अनुभवी पंडितों के साथ करें समाधान

अगर आप भी राहु की महादशा के प्रभाव से परेशान हैं, तो अपनी कुंडली के अनुसार राहु शांति पूजा या कालसर्प दोष निवारण कराने के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित विजय जोशी जी से संपर्क करे।

  • योग्य पंडित से कुंडली विश्लेषण करवाएँ।
  • वैदिक विधि से पूजा करे।
  • योग्य ब्राह्मण व अनुभवी विद्वान चुने।
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