कालसर्प दोष का एक रामबाण उपाय: एक उपाय से दोष से मुक्ति

कालसर्प दोष भारतीय ज्योतिष में विशेष दोषो में से एक है, जो तब उत्पन्न होता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हो जाते हैं, इस स्थिति को अशुभ माना जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, समस्याएं, और कष्ट ला सकता है। इससे संबंधित प्रभावों को कम करने या दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इनमें से कुछ उपाय विशेष रूप से प्रभावी माने जाते हैं।

कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए भारतीय ज्योतिष मे कई प्रभावी व लाभकारी उपाय सुझाए गए है, इन उपायों को अपनाकर व्यक्ति खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकता है, जैसे:- नाग-नागिन पूजा और अनंतनाग का अभिषेक, दान और सेवा, मंत्र जाप और रुद्राभिषेक इत्यादि द्वारा इस दोष के प्रभावों को कम करने का प्रयास किया जा सकता है, किन्तु इस दोष का समापन करने का एकमात्र रामवाण उपाय कालसर्प दोष निवारण पूजा है जिससे इस दोष से पूर्ण रूप से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

कालसर्प दोष का एकमात्र रामवाण उपाय

कालसर्प दोष निवारण पूजा ही कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करने का एकमात्र रामवाण उपाय है। यह एक विशेष पूजा है, जो राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को कम करने के लिए की जाती है। इस पूजा को सही तरीके से करने के लिए यह जरूरी है कि इसे किसी अनुभवी पंडित के मार्गदर्शन में किया जाए।

कालसर्प दोष निवारण पूजा विधि

कालसर्प दोष के प्रभावो को कम करने के लिए निम्नलिखित विधि द्वारा पूजा करना लाभकारी माना जाता है

  • पूजा के लिए सोमवार, नाग पंचमी, महाशिवरात्रि, या श्रावण मास के सोमवार सबसे शुभ माने जाते हैं। अमावस्या और ग्रहण के दिन भी यह पूजा अत्यंत प्रभावी होती है।
  • पूजा सामग्री :- दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल (पंचामृत)बेलपत्र, पुष्प, धूप, दीपक, और अगरबत्तीकाले तिल, कुशा (दर्भा), लाल चंदन, और अक्षत (चावल)नाग-नागिन की चांदी या तांबे की मूर्ति, काला कपड़ा, रुद्राक्ष माला, और मौली आदि।
  • प्रातःकाल में स्नान करके साफ- सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें।
  • शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) अर्पित करें, इसके बाद बेलपत्र, फूल और अक्षत चढ़ाएं।
  • नाग-नागिन की प्रतीकात्मक मूर्ति स्थापित करें, उन पर दूध, गंगाजल, और फूल चढ़ाएं। नागदेवता की स्तुति करें और प्रार्थना करें कि कालसर्प दोष के प्रभाव को शांत करें।
  • राहु और केतु के बीज मंत्र का जाप करें, कालसर्प दोष शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करन लाभदायक माना जाता है।
  • पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा व भेंट आदि दें। काले तिल, कपड़े, लोहे का सामान, और अनाज का दान करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएं?

उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए एक प्रमुख स्थान है। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर और काल भैरव मंदिर कालसर्प दोष शांति के लिए विशेष रूप से महत्व रखते हैं। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करवाने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित योगेश शर्मा जी से संपर्क करें जो विधिवत रूप से पूजा संपन्न करने में अपना सम्पूर्ण योगदान प्रदान करेंगे।

कालसर्प दोष पूजा के बारे मे ओर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित योगेश शास्त्री जी से नीचे दीये गए नंबर पर कॉल करें ओर अपनी पूजा आज ही बूक करें। पंडित जी को पूजा अनुष्ठान में 15 वर्षो से अधिक अनुभव प्राप्त है।

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