अंशिक काल सर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक गंभीर योग माना जाता है, जो जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अंशिक काल सर्प दोष क्या है, इसके लक्षण और प्रभाव, तथा उज्जैन शहर और पंडित विजय जोशी जी द्वारा की जाने वाली पूजा क्यों इस दोष को दूर करने में विशेष मानी जाती है। साथ ही, इस पूजा की प्रक्रिया और लाभों के बारे में विस्तार से जानें।
आंशिक कालसर्प दोष क्या है?
हिन्दू ज्योतिषीय के अनुसार कुंडली में काल सर्प दोष तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यदि कुंडली में कुछ ग्रह ही राहु-केतु के मध्य हों, तो इसे अंशिक काल सर्प दोष कहा जाता है। यह दोष पूर्ण काल सर्प दोष की तुलना में कम प्रभावी माना जाता है, लेकिन इसके कारण व्यक्ति को आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक कलह, और करियर में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
आंशिक कालसर्प दोष के प्रभाव
आंशिक कालसर्प दोष (Anshik Kaal Sarp Dosh) ज्योतिष शास्त्र में एक ऐसा योग है जो व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की बाधाएं और अशांति उत्पन्न कर सकता है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली में कुछ ग्रह राहु और केतु के बीच “सर्पाकार” स्थिति में आ जाते हैं। इसके प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1. आर्थिक समस्याएं
- धन की हानि, नौकरी या व्यवसाय में अनिश्चितता, और आय के स्रोतों में रुकावट, अचानक खर्च बढ़ना या निवेश में नुकसान होना, वित्तीय योजनाएं असफल होना, जैसे लोन न मिलना या प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद।
2. स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें
- लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां, विशेषकर पेट, सिरदर्द, या तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं। मानसिक तनाव, निराशा, या अकारण भय महसूस होना।
3. पारिवारिक और सामाजिक जीवन में अशांति
- परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद या संवादहीनता।विवाहित जीवन में तनाव, तलाक या अलगाव की स्थिति।समाज में मान-सम्मान की कमी या अपयश का सामना करना।
4. करियर में बाधाएं
- योग्यता के बावजूद नौकरी या प्रमोशन न मिलना, व्यवसाय में नुकसान, ग्राहकों का विश्वास खोना, या पार्टनरशिप में झगड़े। शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार असफलता।
5. कानूनी और प्रशासनिक मुसीबत
- मुकदमेबाजी या कानूनी विवादों में फंसना। सरकारी कार्यों में देरी या दस्तावेज़ों से जुड़ी गड़बड़ियां।
आंशिक कालसर्प दोष के उपाय
आंशिक कालसर्प दोष (Anshik Kaal Sarp Dosh) के निवारण के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। यह दोष राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से जुड़ा होता है, इसलिए इन ग्रहों को शांत करने और उनकी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए। नीचे कुछ प्रमुख और प्रभावी उपाय बताए गए हैं:
- नागदेवता की उपासना :- नाग पंचमी के दिन नाग मंदिर में दूध और फूल चढ़ाएं। घर के मंदिर में चांदी का सर्प रखकर उसकी नियमित पूजा करें।
मंत्र जाप:
ॐ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा (राहु-केतु शांति मंत्र)।
ॐ नमः शिवाय का नियमित जाप करें। - दान और सेवा :- काले तिल, लोहे की वस्तु, या काला कंबल दान करें।गरीबों को भोजन या वस्त्र दान दें। सांपों को हानि न पहुंचाएं और उनके संरक्षण के प्रयास करें।
- रत्न और यंत्र
रत्न: गोमेद (राहु) और लहसुनिया (केतु) रत्न धारण करें, लेकिन ज्योतिषीय सलाह के बाद ही।
यंत्र: कालसर्प यंत्र या राहु-केतु यंत्र को मंदिर में स्थापित करें और नियमित पूजा करें। - मंत्र साधना और व्रत :- महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्… का नियमित पाठ करें।
सोमवार का व्रत: शिवजी को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखें और बेलपत्र चढ़ाएं।
आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा
आंशिक कालसर्प दोष (Anshik Kaal Sarp Dosh) ज्योतिष शास्त्र में एक ग्रह दोष है, जो राहु-केतु की अशुभ स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा एक प्रभावी उपाय है, जिसे विशेष रूप से उज्जैन जैसे पवित्र स्थलों पर किया जाता है।
आंशिक कालसर्प दोष निवारण पूजा एक प्रभावी आध्यात्मिक उपाय है, जो उज्जैन की पवित्र भूमि और पंडित विजय जोशी जी जैसे विद्वानों के मार्गदर्शन में और भी शक्तिशाली बन जाता है। यदि आपकी कुंडली में यह दोष है, तो समय रहते इस पूजा का आयोजन करके अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
आंशिक कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक कराएँ?
यदि आप आंशिक कालसर्प दोष की पूजा करवाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बुक करें। इस पूजा को उज्जैन में पंडित विजय जोशी जी जैसे अनुभवी ज्योतिषी द्वारा ही करवाना शुभ और प्रभावी माना जाता है।