ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो इसे काल सर्प दोष कहा जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे—आर्थिक संकट, मानसिक तनाव, करियर में असफलता, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ आदि।
कालसर्प दोष क्या है?
उज्जैन (मध्य प्रदेश) में कालसर्प दोष पूजा का विशेष महत्व दर्शाया गया है, क्योंकि उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और प्राचीन ज्योतिष परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, काल सर्प दोष एक ग्रहीय योग है जो राहु-केतु के बीच सभी ग्रहों के स्थित होने से बनता है। इस दोष के कारण जीवन में आर्थिक, स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याएं देखने को मिलती हैं।
कालसर्प दोष पूजा का महत्व
उज्जैन महाकाल की नगरी है और यहाँ कालसर्प दोष की पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। उज्जैन में कालसर्प दोष की शांति के लिए विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर, काल भैरव मंदिर, और मंगलनाथ मंदिर में पूजन किया जाता है।
- महाकालेश्वर मंदिर: यहाँ शिव की तांत्रिक शक्तियों से दोष निवारण में सहायक।
- ज्योतिषियों की विशेषज्ञता: उज्जैन के पंडित कुंडली विश्लेषण और पूजा विधि में निपुण होते हैं।
- धार्मिक ऊर्जा: शिप्रा नदी के तट पर पूजा करने से अतिरिक्त पुण्य फल प्राप्त होता है।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की लागत
उज्जैन कालसर्प दोष पूजा का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है जैसे:
- पूजा का प्रकार (सामूहिक या व्यक्तिगत)
- प्रयोग किए जाने वाले सामग्रियों की गुणवत्ता
- पंडित जी का अनुभव और दक्षता
पूजा की संभावित कीमत
कालसर्प दोष पूजा की लागत पूर्ण रूप से पंडित जी की दक्षिणा और पूजाविधि पर निर्भर करती है। आप उज्जैन मे पूजा करवा कर विभिन्न प्रकार के दोषो से छुटकारा पा सकते है। पूजा का खर्च पूजा के प्रकार और दोष से संबन्धित रहता है। निम्नलिखित द्वारा आप अनुमान लगा सकते है
सामूहिक पूजा: यदि आप समूहिक पूजा करवाते है तो इसका खर्च ₹2,100 – ₹5,100 के बीच हो सकता है, यह मुख्यत: पंडित जी दक्षिणा पर भी निर्भर करता है।
व्यक्तिगत पूजा: व्यक्तिगत पूजा कारवाने में जो खर्च आता है वो सामान्यता पंडित और पूजा पर निर्भर करता है।
विशेष पूजन (यंत्र/रुद्राक्ष के साथ): पूजा, पंडित और दोष के प्रकार पर निर्भर होता है।
नागबली-सर्पशांति सहित: ₹5,000 – ₹11,000 तक हो सकती है।
कालसर्प दोष पूजा विधि
संकल्प और पूजा की तैयारी
सबसे पहले व्यक्ति को स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए। पूजा स्थल को पवित्र किया जाता है और वहाँ पर एक सफेद और लाल वस्त्र बिछाया जाता है। पंडित जी के मार्गदर्शन में पूजा का संकल्प लिया जाता है।
2. गणपति पूजन एवं कलश स्थापन
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य है। एक कलश में गंगाजल भरकर उसमें आम के पत्ते और नारियल रखा जाता है। इसके बाद सभी देवी-देवताओं का आवाहन किया जाता है।
3. नाग-नागिन प्रतिमा का पूजन
चांदी, तांबे, या मिट्टी से बनी नाग-नागिन की मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। इन मूर्तियों को कच्चे दूध, शहद, गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराया जाता है। इसके बाद उन्हें पुष्प, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
4. कालसर्प दोष निवारण मंत्र जाप
पंडित जी विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” और “कालसर्प दोष निवारण मंत्र” का जाप कराते हैं। मंत्र जाप की संख्या 108 या 1100 बार होती है, जो व्यक्ति की कुंडली के अनुसार तय होती है। व्यक्ति को भी मंत्र जाप में शामिल होने की सलाह दी जाती है।
5. हवन (यज्ञ) का आयोजन
हवन कुंड में आम की लकड़ी, गाय का घी, काले तिल, कुशा और विशेष जड़ी-बूटियाँ अर्पित की जाती हैं। विशेष मंत्रों का उच्चारण कर अग्नि देव और नवग्रहों को प्रसन्न किया जाता है। यह हवन दोष निवारण में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
6. रुद्राभिषेक (महाकाल के अभिषेक के साथ पूजा)
उज्जैन में काल सर्प दोष निवारण के लिए महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर रुद्राभिषेक करने की विशेष मान्यता है। भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से किया जाता है। रुद्राभिषेक से शिव कृपा प्राप्त होती है और काल सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
7. नाग-नागिन प्रतिमा का विसर्जन
पूजा के अंत में नाग-नागिन की प्रतिमा को पवित्र नदी या बहते जल में प्रवाहित किया जाता है। व्यक्ति को आशीर्वाद दिया जाता है और कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
कालसर्प दोष निवारण उपाय
कालसर्प दोष के प्रभावी उपाय जिनके द्वारा दोष को शांत किया जा सकता है निम्न लिखित है:
- रुद्राभिषेक: भगवान के शिवलिंग पर दूध, घी, शहद से अभिषेक करें (विशेषकर सोमवार और अमावस्या को)।
- महामृत्युंजय मंत्र जाप: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” मंत्र का नियमित 108 बार जाप करे।
- नाग प्रतिष्ठा: चांदी की नाग-नागिन की प्रतिमा घर/मंदिर में स्थापित करें।
- काले तिल दान: काले तिल, गुड़, और उड़द आदि का दान करें।
- राहु-केतु मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ केतवे नमः” मंत्र का प्रतिदिन 11 बार जपें।
- शिव पार्वती की पूजा: प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।
- नाग पंचमी व्रत: नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करके दूध से अभिषेक करें।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें?
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा बुक करने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। ऑफलाइन विकल्प के लिए सीधे महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन कार्यालय या स्थानीय प्रसिद्ध पंडितों जैसे: पंडित विजय जोशी जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें और अपनी पूजा के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।