कालसर्प दोष पूजा कहाँ होती है? जानें स्थान और मंदिर

क्या आप जानते हैं कि काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ मंदिरों में इतनी शक्तिशाली ऊर्जा है कि वहाँ एक ही पूजा से जीवन बदल सकता है? यदि आप या आपके परिजन इस दोष से जूझ रहे हैं, तो यह लेख आपको उन गुप्त और चमत्कारी स्थानों तक ले जाएगा जहाँ काल सर्प दोष पूजा का असर सबसे तेज़ माना जाता है।

कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, जिससे जीवन में विभिन्न कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस दोष के निवारण के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो भारत के विभिन्न पवित्र स्थलों पर संपन्न होती है।

कालसर्प दोष पूजा कहाँ-कहाँ होती है?

आइए, जानते हैं कि कालसर्प दोष निवारण पूजा कहाँ-कहाँ की जाती है:

  1. उज्जैन, मध्यप्रदेश: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध उज्जैन कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए जाना जाता है। यहाँ के पंडित विशेष विधि-विधान से इस पूजा का आयोजन करते हैं, जिससे भक्तों को दोष निवारण में सहायता मिलती है। यहाँ पूजा करवाने से पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।
  2. त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र: नाशिक के पास स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए प्रमुख स्थान माना जाता है। यहाँ गोदावरी नदी के तट पर स्थित इस मंदिर में विशेष रूप से नागपंचमी और अन्य शुभ अवसरों पर कालसर्प दोष की पूजा का आयोजन किया जाता है।
  3. कालहस्ती, आंध्रप्रदेश: श्रीकालहस्ती मंदिर कालसर्प दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ विशेष रूप से राहु-केतु शांति पूजा की जाती है, जो इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक मानी जाती है।
  4. वाराणसी, उत्तरप्रदेश: काशी विश्वनाथ मंदिर में भी कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह स्थान अपनी आध्यात्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है, जहाँ भक्त इस दोष से मुक्ति के लिए दूर दूर से आते हैं।
  5. तिरुनेलवेली, तमिलनाडु: यहाँ के त्रीनागेश्वरम वासुकी नाग मंदिर में कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है, जो दक्षिण भारत में इस दोष के निवारण के लिए महत्वपूर्ण स्थल है।

कालसर्प दोष के उपाय

कालसर्प दोष को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण दोष माना गया है, जो व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकता है। इस दोष के निवारण के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान और उपायों का उल्लेख किया गया है। नीचे कालसर्प दोष निवारण के कुछ प्रमुख उपाय दिये गए हैं:

  1. भगवान शिव की पूजा: नियमित रूप से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह उपाय कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।
  2. नाग देवता की पूजा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा करें और सांप की मूर्ति को दूध और फूल अर्पित करें। यह उपाय कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाने में प्रभावी माना जाता है।
  3. नाग गायत्री मंत्र का जाप: “ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात” मंत्र का नियमित जाप करें। यह मंत्र कालसर्प दोष के निवारण में लाभकारी माना जाता है।
  4. विशेष पूजा स्थलों पर पूजा: उज्जैन जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना अत्यंत लाभकारी होता है। यहां विधिपूर्वक की गई पूजा से दोष के प्रभाव कम होते हैं।
  5. अन्य उपाय:
    • रसोईघर में बैठकर भोजन करें।
    • घर की दीवार, टॉयलेट और बाथरूम को साफ-सुथरा रखें।
    • धार्मिक स्थलों की सीढ़ियों पर 10 दिन तक पोंछा लगाएं।
    • माथे पर चंदन का तिलक लगाएं और घर में ठोस चांदी का हाथी रखें।

कालसर्प दोष पूजा कैसे बुक करें?

कालसर्प दोष पूजा एक विशेष अनुष्ठान है, जिसे योग्य और अनुभवी पंडित द्वारा ही संपन्न किया जाना चाहिए। पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर सीधे संपर्क करके पूजा की तिथि, समय और आवश्यक सामग्री के बारे में जानकारी लें। उज्जैन में पूजा बुकिंग के लिए आप पंडित विजय जोशी जी से संपर्क कर सकते हैं।

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