शेषनाग कालसर्प दोष एक विशेष ज्योतिषीय दोष है, जो व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की चुनौतियाँ और बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है। इस दोष के प्रभाव से बचने और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए उचित उपाय करना अत्यंत आवश्यक है। सही मार्गदर्शन और पूजा विधि से आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। शेषनाग कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में बुक करने के लिए पंडित योगेश शर्मा जी से संपर्क करें।
शेषनाग कालसर्प दोष क्या है?
वैदिक ज्योतिष में शेषनाग कालसर्प दोष को कालसर्प योग का एक घातक प्रकार माना जाता है। यह दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली में राहु 12वें भाव (व्यय स्थान) और केतु 6वें भाव (शत्रु स्थान) में स्थित होते हैं, तथा सभी ग्रह इन दोनों छाया ग्रहों के बीच “शेषनाग” (भगवान विष्णु के आसन रूपी सर्प) के आकार में स्थित होते हैं। इस योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में आर्थिक संकट, रिश्तों में विश्वासघात, और आकस्मिक दुर्घटनाओं जैसी गंभीर समस्याएँ लाता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के लक्षण
शेषनाग कालसर्प दोष के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित दिये गए है:
- आर्थिक अस्थिरता: इस दोष के कारण नौकरी या व्यवसाय में लगातार असफलता, अकारण धन हानि होना।
- स्वास्थ्य संकट: इस दोष के कारण पुराने रोग, शारीरिक दर्द, या मानसिक अवसाद होते है।
- पारिवारिक कलह: इस दोष के प्रभाव से रिश्तों में मनमुटाव, विवाह में देरी, या वंशवृद्धि में बाधा आती है।
- शत्रु भय: छुपे दुश्मनों की वजह से कानूनी झंझट या अपमान की संभावना।
- जीवन में अटकाव: हर काम में रुकावट, सफलता मिलते ही समस्याएँ खड़ी होना।
ज्योतिषीय कारण
- राहु-केतु की स्थिति: राहु 12वें भाव (गुप्त शत्रु) और केतु 6वें भाव (रोग/ऋण) में होने से यह योग बनता है।
- ग्रहों का फंसना: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि राहु-केतु के बीच “शेषनाग” आकृति में हों।
- पितृ दोष: पूर्वजों के अशुभ कर्म या अतृप्त आत्माएँ इस दोष को ट्रिगर करती हैं।
शेषनाग कालसर्प दोष के उपाय
- महामृत्युंजय मंत्र जाप: प्रतिदिन “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” का 108 बार जप करें।
- रुद्राभिषेक: प्रतिदिन शिव मंदिर में पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करवाएँ।
- नाग पूजा: नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा करें तथा दूध और फूल चढ़ाकर “ॐ नमो भगवते शेषनागाय नमः” मंत्र बोलें।
- दान: काले तिल, उड़द की दाल, या कंबल गरीबों को दान दें।
- यंत्र स्थापना: शेषनाग यंत्र को पूजा घर में स्थापित कर नियमित धूप-दीप दिखाएँ।
- रत्न धारण: राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लेपिडोलाइट रत्न ज्योतिषी की सलाह से पहनें।
- तीर्थ यात्रा: उज्जैन में विशेष पूजा करवाएँ।
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपाय है, जो नाग देवता और भगवान विष्णु की कृपा से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को शांत करती है। यह पूजा विशेष रूप से नाग पंचमी, अमावस्या या शनिवार के दिन की जाती है, जिसमें शिवलिंग या नाग मूर्ति के समक्ष पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से अभिषेक किया जाता है।
यह पूजा भगवान विष्णु और शेषनाग की कृपा प्राप्त करती है और राहु-केतु के दुष्प्रभाव को शांत करती है। कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति बनाकर धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएँ, और शत्रु भय दूर करती है। शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपाय है, जो ग्रह दोष को दूर करके जीवन में सुख-समृद्धि लाती है।
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा खर्च
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शेषनाग कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे कैसे कराएं?
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