विषधर कालसर्प दोष एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जिसमें राहु ग्यारहवें भाव (लाभ स्थान) में और केतु पांचवें भाव (संतान, बुद्धि, प्रेम) में स्थित होते हैं। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दोष के प्रभाव से बचने और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए उचित उपाय करना अत्यंत आवश्यक है। सही मार्गदर्शन और पूजा विधि से आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
विषधर कालसर्प दोष के लक्षण और प्रभाव भले ही भयानक लगे, लेकिन उचित ज्योतिषीय उपायों और आस्था से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। विषधर कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में करने से इस दोष के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
विषधर कालसर्प दोष क्या है?
विषधर कालसर्प दोष, कालसर्प योग का एक विशेष प्रकार है, जिसे सबसे घातक माना जाता है। यह तब बनता है जब जन्म कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह सर्प के विषैले फन की तरह “विषधर” स्थिति में हों। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को जीवनभर संघर्ष, आर्थिक हानि, और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ता है।
विषधर कालसर्प दोष के ज्योतिषीय कारण
- राहु-केतु की स्थिति: राहु 8वें भाव (मृत्यु स्थान) और केतु 2वें भाव (धन स्थान) में स्थित होते हैं।
- ग्रहों का फंसना: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि राहु-केतु के बीच “विषधर” आकार में स्थित हों।
- पितृ दोष: पूर्वजों के अशुभ कर्म या अतृप्त आत्माएँ इस दोष को ओर बढ़ावा देती है।
विषधर कालसर्प दोष के प्रभाव
आर्थिक समस्याएँ : इस दोष के कारण आय में उतार-चढ़ाव, व्यवसाय में अस्थिरता, और सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट जैसे प्रभाव देखे जा सकते हैं।
मानसिक और स्वास्थ्य समस्याएँ: यह दोष मानसिक तनाव, अनिद्रा, स्मरण शक्ति की कमी, नेत्र रोग, और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव हो सकता है।
वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में तनाव: विषधर कालसर्प दोष के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ मतभेद, पारिवारिक कलह, और बड़े भाई-बहनों से अनबन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
शिक्षा पर प्रभाव: इस दोष के कारण उच्च शिक्षा में बाधाएँ आती हैं, जिससे व्यक्ति को अध्ययन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
संतान संबंधी समस्याएँ: संतान प्राप्ति में विलंब, संतान के साथ संबंधों में तनाव, या संतान के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
विषधर कालसर्प दोष के उपाय
इस दोष के निवारण के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- भगवान शिव की आराधना: नियमित रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।
- राहु-केतु मंत्रों का जाप: राहु और केतु के मंत्रों का नियमित रूप से 108 बार जाप करें:
- राहु मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः”
- केतु मंत्र: “ॐ केतवे नमः”
- नाग पंचमी पर विशेष पूजा
- नाग पंचमी के दिन सर्प की मूर्ति पर दूध, फूल, और लाल चंदन चढ़ाएँ और नाग देवता की विशेष पूजा करें।
- मंत्र: “ॐ नमो भगवते वासुकी नागाय नमः॥”
- रुद्राभिषेक और हवन
- शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करवाएँ और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र से हवन करें।
- दान: हवन के बाद काला तिल, गुड़, और लोहा गरीबों को दें।
- विशेष पूजा: उज्जैन जैसे पवित्र स्थान पर कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं।
विषधर कालसर्प दोष निवारण पूजा
विषधर कालसर्प दोष निवारण पूजा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक उपाय है, जो न केवल ग्रह दोष को दूर करती है बल्कि जीवन को नई ऊर्जा भी प्रदान करती है। इस पूजा को करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और व्यक्ति मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक रूप से सशक्त होता है। यदि आप इस पूजा को करवाना चाहते हैं, तो उज्जैन के अनुभवी पंडित से संपर्क करें और उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।
- यह पूजा नाग देवता और भगवान शिव की कृपा से राहु-केतु के विषैले प्रभाव को शांत करती है।
- पूजा से कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति बनती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इससे पितृ दोष, कर्ज और शत्रुओं के भय से मुक्ति मिलती है।
विषधर कालसर्प दोष पूजा खर्च
उज्जैन में पूजा यह पूजा कराने से इस दोष से छुटकारा प्राप्त होता है। उज्जैन में इस पूजा की लागत लगभग ₹2,100 हो सकती है। यह एक अनुमानिक पूजा खर्च है, सटीक और सही जानकारी के लिए पंडित जी से संपर्क करें।
विषधर कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कैसे कराएं?
उज्जैन में विषधर कालसर्प दोष पूजा सम्पन्न कराने के लिए सबसे पहले उज्जैन के अनुभवी पंडित योगेश शर्मा जी से संपर्क करें और पूजा से संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। पंडित जी को पूजा-अनुष्ठान में 25 वर्षो से अधिक अनुभव प्राप्त है। तो आज ही अपनी पूजा उज्जैन में पूर्ण विधि-विधान से कराने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे।