घातक कालसर्प दोष एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जो कुंडली में राहु और केतु की विशेष स्थिति के कारण बनता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, करियर में बाधाएँ, वैवाहिक जीवन में असंतोष, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। घातक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराना अत्यंत लाभकारी और प्रभावी मानी जाती है।
घातक कालसर्प दोष क्या है?
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह स्थित होते हैं, विशेष रूप से राहु दसवें भाव में तथा केतु चौथे भाव में होते हैं, तो इसे घातक कालसर्प दोष या शंभू कालसर्प योग कहा जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएँ और समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
कालसर्प दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी 7 ग्रह “सर्पाकार” स्थिति में आ जाते हैं। मान्यता है कि यह योग शनि के समान कष्टकारी होता है और व्यक्ति को जीवनभर संघर्ष का सामना करवाता है। इसमें 12 प्रकार के कालसर्प दोष होते हैं। जिसमे से घातक कालसर्प दोष एक है।
घातक कालसर्प दोष के लक्षण
अगर आपकी कुंडली में भी घातक कालसर्प दोष है, तो आपको निम्न समस्याएँ देखने को मिल सकती हैं:
- आर्थिक समस्याएँ : नौकरी में बार-बार परेशानी, व्यापार में घाटा, या अचानक धन हानि होना तथा करियर में बार-बार असफलता।
- पारिवारिक कलह: परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव या विश्वास की कमी होना तथा वैवाहिक जीवन में असंतोष और कलह।
- स्वास्थ्य संकट: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ जैसे: लंबी बीमारी, मानसिक अशांति, या अनिद्रा की समस्या होना।
- कानूनी कार्यवाही : झूठे मुकदमे या विवादों में फँसना।
- जीवन में अटकाव: हर काम में देरी या असफलता का डर लगा रहना।
- सपनों में नाग-नागिन दिखाई देना।
घातक कालसर्प दोष के उपाय
घातक कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाने व अपने जीवन में सुख-शांति पाने के लिए वैदिक ज्योतिष में कुछ प्रभावी उपाय सुझाए गए है जो की निम्नलिखित है:
शिव पूजा: नियमित रूप से भगवान शिव का अभिषेक और पूजा करें तथा “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का नियमित जाप करें।
रुद्राभिषेक: शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें और महामृत्युंजय मंत्र का प्रीतिदिन 108 बार जाप करें।
नाग पूजा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा करें और उनको दूध अर्पित करें।
दान: गरीबों को अन्न, वस्त्र, और चांदी का दान करें।
विशेष पूजा: उज्जैन जैसे पवित्र स्थान पर घातक कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं।
घातक कालसर्प दोष पूजा
घातक कालसर्प दोष पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है, जो उन व्यक्तियों के लिए अत्यंत प्रभावी है जिनकी कुंडली में राहु दशम भाव (10वें घर) में और केतु चतुर्थ भाव (4वें घर) में स्थित होते हैं, तथा सभी ग्रह इनके मध्य में आ जाते हैं। यह योग व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, करियर में बाधाएँ, वैवाहिक जीवन में असंतोष, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
घातक कालसर्प दोष के प्रभाव से बचने और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने के लिए घातक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराना सबसे प्रभावी और उचित उपाय है। यह पूजा दोष को शांत करके जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।
इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है, जो निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है:
- संकल्प और गणेश पूजन: पूजा की शुरुआत में संकल्प लेकर भगवान गणेश का पूजन किया जाता है।
- कलश स्थापना: शुद्ध जल से भरे कलश की स्थापना की जाती है, जो पूजा का महत्वपूर्ण अंग है।
- राहु-केतु सर्प गायत्री जप: राहु और केतु के लिए विशेष मंत्रों का जप किया जाता है।
- होम और हवन: विशेष सामग्री से अग्नि में आहुति दी जाती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का शमन होता है।
- प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में प्रसाद वितरित किया जाता है।
घातक कालसर्प दोष पूजा खर्च
उज्जैन में घातक कालसर्प दोष पूजा कराने के लिए उज्जैन के योग्य और अनुभवी पंडित योगेश शर्मा जी से संपर्क करें। घातक कालसर्प दोष पूजा का खर्च लगभग ₹2,100 है, यह एक अनुमानित खर्च है। पूजा का सटीक खर्च और पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुकी नागाय कालसर्प दोष शांतय शांतय स्वाहा।
प्रभाव:
- यह मंत्र सर्पराज वासुकी को प्रसन्न करके दोष की नकारात्मकता को समाप्त करता है।
- कानूनी विवाद, शत्रु भय, और आर्थिक नुकसान से रक्षा करता है।
उज्जैन में घातक कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएं?
घातक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराना एक प्रभावी उपाय है जिसके द्वारा इस दोष के दुष्प्रभावो को शांत किया जा सकता है। यह पूजा उज्जैन में कराना बहुत ही सरल है। उज्जैन के योग्य पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करके सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करे और अपनी पूजा बुक करें।