शंखचूर्ण कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु नवम (9वें) भाव में और केतु तृतीय (3वें) भाव में स्थित होते हैं, तथा सभी ग्रह इन दोनों के मध्य में आ जाते हैं यह स्थिति “शंखचूड़ कालसर्प योग” कहलाती है। कालसर्प दोष वैदिक ज्योतिष में एक गंभीर योग माना जाता है, जो राहु और केतु की विशेष स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। इसमें शंखचूर्ण कालसर्प दोष (Shankhachurna Kaal Sarpa Dosha) इस योग का एक विशेष प्रकार है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में गहरा संकट ला सकता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष तब माना जाता है जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच “सर्पाकार” स्थिति में हों तथा शंखचूर्ण कालसर्प दोष इसी का एक प्रकार है, जो तब बनता है जब :
- राहु 12वें भाव में और केतु 6वें भाव में स्थित हो।
- सभी ग्रह इन दोनों छाया ग्रहों के बीच “कुंडली में घिरे” हों।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष को अशुभ योग माना जाता है क्योंकि यह राहु-केतु के प्रभाव को तीव्र कर देता है, जिससे जीवन में समस्याएँ और कष्ट बढ़ जाते हैं।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष एक चुनौतीपूर्ण योग है, लेकिन सही ज्योतिषीय उपायों और आध्यात्मिक प्रयासों से इस दोष को शांत करने में विजय पाई जा सकती है। यदि आपकी कुंडली में यह दोष है, तो घबराएँ नहीं—एक अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेकर सही निर्णय लें और पूजा-अनुष्ठान करवाएँ। शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में करना सबसे प्रभावी मानी जाती है, क्योंकि उज्जैन भगवान शिव की नगरी है और यहाँ पूजा कराने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के लक्षण
इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को अपने जीवन में निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
- आर्थिक संकट: धन की हानि, नौकरी या व्यवसाय में अस्थिरता का होना।
- मानसिक तनाव: निराशा, डर, और अवसाद की प्रवृत्ति बनी रहना।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: पुराने रोग, पाचन संबंधी विकार, या अनिद्रा जैसी समस्या होना।
- पारिवारिक कलह: रिश्तों में मनमुटाव या विश्वास की कमी आना।
- कानूनी मुसीबतें: झूठे आरोप या वाद-विवाद में फँसना।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव
शंखचूड़ कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को दैनिक जीवन में निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
- भाग्यहीनता: कई प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिलती है।
- व्यापार में हानि: व्यवसाय में लगातार नुकसान और धोखाधड़ी की संभावनाबनी रहती है।
- पारिवारिक कलह: परिवार में तनाव और मतभेद चलता रहता है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: शारीरिक और मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप आदि की संभावना बनी रहती है।
- कानूनी परेशानियाँ: अदालती मामलों में उलझाव।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के उपाय
इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए निम्न उपाय प्रभावी माने जाते हैं:
ध्यान और मंत्र:
- महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” का नियमित जाप।
- कालसर्प दोष निवारण स्तोत्र का पाठ करें।
दान और पूजा:
- नाग देवता की पूजा: शिवलिंग पर दूध चढ़ाएँ या नाग मंदिर में सर्प की मूर्ति दान करें।
- गरीबों को काला तिल, उड़द की दाल, या कंबल दान करें।
रत्न धारण:
- राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित करने के लिए गोमेद (हेसोनाइट) या लेपिडोलाइट रत्न धारण करें (किसी ज्योतिषी की सलाह से)।
- शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें और जल चढ़ाएँ।
- रुद्राभिषेक करवाने से भी लाभ मिलता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण पूजा
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के निवारण के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठानों का विधान है। यह पूजा राहु-केतु के नाकारात्मक प्रभाव को शांत करने, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने और दोष के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करती है। इस पूजा का उद्देश्य नाग देवता और शिवजी की कृपा प्राप्त करके राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित करना है।
इस पूजा से कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति बनती है और जीवन में स्थिरता आती है। पूजा के लिए अमावस्या, नाग पंचमी, या सोमवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा एक शक्तिशाली उपाय माना जाता है
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुकी नागाय कालसर्प दोष शांतय शांतय स्वाहा।
प्रभाव:
- यह मंत्र सर्पराज वासुकी को प्रसन्न करके दोष की नकारात्मकता को समाप्त करता है।
- कानूनी विवाद, शत्रु भय, और आर्थिक नुकसान से रक्षा करता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष का खर्च
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराने पर दोष का प्रभाव कम हो जाता है। यहाँ के अनुभवी पंडित इस पूजा को कराने में 25 वर्षो से अधिक योग्यता रखते है। पूजा खर्च लगभग ₹2,100 से शुरू है पूजा खर्च की यह सटीक जानकारी नहीं है। पूजा के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पंडित जी से संपर्क करें।
उज्जैन में कैसे कराएं शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा?
शंखचूर्ण कालसर्प योग, कालसर्प दोष का ही एक प्रकार है जो की व्यक्ति के जीवन में कई नाकारात्मक प्रभाव का कारण माना जा सकता है। यह दोष जीवन में अनेक चुनोतियों का कारण बन सकता है इसलिए समय रहते इसका निवारण बहुत जरूरी है। उज्जैन में इस दोष का निवारण कराना बहुत प्रभावी माना जाता है। यहाँ के अनुभवी पंडित जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करके पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें और अपनी पूजा बुक करें।