तक्षक कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में वर्णित कालसर्प योग का एक विशेष प्रकार है जो तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में राहु सप्तम भाव (विवाह एवं साझेदारी का क्षेत्र) में और केतु प्रथम भाव (स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व का क्षेत्र) में स्थित होते हैं तथा अन्य सभी ग्रह इन दोनों के बीच आ जाते हैं।
तक्षक कालसर्प दोष क्या है?
तक्षक कालसर्प दोष कालसर्प योग का सातवां प्रकार है जो तब बनता है जब:
- राहु सप्तम भाव (विवाह/साझेदारी) में स्थित हो
- केतु प्रथम भाव (स्वास्थ्य/व्यक्तित्व) में हो
- अन्य सभी ग्रह (सूर्य से शनि तक) इन दोनों के बीच आ जाएं
यह दोष विशेष रूप से वैवाहिक जीवन, व्यापारिक साझेदारी और व्यक्तिगत छवि को प्रभावित करता है।
तक्षक कालसर्प दोष के प्रभाव
तक्षक कालसर्प दोष के प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं को गहराई से प्रभावित करते हैं। यह दोष मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन पर प्रभाव डालता है, जहां विवाह में असामान्य बाधाएं आती हैं – चाहे विवाह में लंबा विलंब हो, विवाहित जीवन में अत्यधिक कलह हो या फिर तलाक तक की स्थिति बन जाए। व्यापारिक साझेदारी में यह दोष विश्वासघात, धोखाधड़ी और आर्थिक नुकसान के रूप में प्रकट होता है, जहां व्यक्ति को अपने ही भागीदारों से धोखा मिलता है।
स्वास्थ्य के स्तर पर यह त्वचा रोगों चेहरे के दोषों और आकस्मिक दुर्घटनाओं के रूप में सामने आता है। सामाजिक जीवन में इसके कारण व्यक्ति को अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ता है और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।
मानसिक स्तर पर यह दोष अवसाद, चिंता और निर्णय लेने में असमर्थता जैसी समस्याएं पैदा करता है। विशेष रूप से 35-42 वर्ष की आयु के बीच इस दोष का प्रभाव सबसे अधिक तीव्र होता है, जहां व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
तक्षक कालसर्प दोष के उपाय
उज्जैन में तक्षक कालसर्प दोष के निवारण हेतु निम्नलिखित प्रभावी उपाय सुझाए जाते हैं:
- भगवान शिव की आराधना करें
- प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर रुद्राभिषेक (दूध, बिल्वपत्र, काले तिल से) कराएं।
- महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप (“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…”) करें।
- उज्जैन के मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन कराये।
- वैवाहिक जीवन में शांति
- पार्वती-शिव की एक साथ पूजा (विशेषकर सोमवार को) करे।।
- “ॐ क्लीं कामदेवाय विद्महे…” मंत्र का 108 बार जाप करे।
- शुक्रवार को सफेद वस्तुएं (खीर, चावल, सफेद फूल) दान करे।
- रत्न एवं यंत्र साधना:
- मोती (रत्न) धारण करें (चांदी की अंगूठी में)।
- कालसर्प यंत्र की शिव मंदिर में स्थापना।
- गोमेद (राहु) एवं लहसुनिया (केतु) रत्न विशेषज्ञ की सलाह से धारण करे।
- विशेष नाग देवता की पूजा :
- नाग पंचमी पर चांदी के सर्प की पूजा
- “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का 11,000 बार जाप करे।
- नाग देवता को दूध अर्पित कर मूर्ति का नदी में विसर्जन करना चाहिए।
- दान पुण्य:
- काले तिल एवं गुड़ का दान करें।
- विवाहित जोड़ों को वस्त्र/भोजन दान करें।
- सर्प ग्रस्त क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने हेतु वृक्षारोपण करे।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा
तक्षक कालसर्प दोष निवारण हेतु विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त में शिवलिंग की पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से विधि-विधान पूर्वक अभिषेक किया जाता है, फिर काले तिल, बिल्व पत्र एवं धतूरे के फूल अर्पित करते हुए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है।
नाग देवता की चांदी की प्रतिमा पर दूध, लाल चंदन और लाल फूल चढ़ाकर “ॐ अनंताय नमः, ॐ वासुकये नमः” मंत्रों का उच्चारण करते हैं, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का पाठ कर काले तिल एवं गुड़ का दान किया जाता है, और अंत में कालसर्प यंत्र की स्थापना कर “ॐ ह्रीं ह्रीं सर्पदं स्त्रीं नमः” मंत्र का 11 बार जाप कर पूजा का समापन किया जाता है।
तक्षक कालसर्प दोष पूजा खर्च
तक्षक कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन में कराना बहुत ही प्रभावी मनी जाती है। यहाँ पूजा कराने का खर्च पूजा की लागत और प्रकार पर निर्भर करता है। पूजा का खर्च लगभग ₹2,100 या इससे अधिक भी हो सकता है। सटीक जानकारी के लिए पंडित जी के पास कॉल करें।
उज्जैन में तक्षक कालसर्प दोष पूजा कैसे कराएँ?
तक्षक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराना सबसे प्रभावी माना जाता है क्योंकि यहाँ इस पूजा का प्रभाव बढ़ जाता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराना बहुत ही आसान है। आप उज्जैन के अनुभवी और योग्य पंडित योगेश शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।